शशांकासन योग करने की विधि और सावधानियां शशांकासन योग करने की विधि और सावधानियां... शशक शब्द का अर्थ है खरगोश। चूंकि इस आसन के अभ्यास में शरीर की आकृति खरगोश जैसी बनती है इसलिए इसको शशकासन के नाम से जाना जाता है। अंग्रेजी में इसे (Hare Pose Yoga) के नाम से जाना जाता है। यह आसन आंत, अस्थमा, मधुमेह, ह्रदय रोग अग्न्याशय, नसें-नाड़ियां, नितंब, गुदा इत्यादि के लिए बहुत लाभकारी है। दमा / अस्थमा रोग, मधुमेह / डायबिटीज और ह्रदय रोग से पीड़ित व्यक्ति के लिए उपयोगी योग हैं शारीरिक स्थिति: शशांकासन की अभ्यास विधि:- सर्व प्रथम वज्रासन में बैठना चाहिए। दोनों पैरों के घुटनों को एक दूसरे से दूर फैलाएं। इस प्रकार बैठें कि पैरों के अंगूठे एक-दूसरे से मिले हों। श्वास लेते हुए दोनों हथेलियों को घुटनों के बीच जमीन पर रखें। श्वास छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें और ठुड्डी को जमीन पर रखें। दोनों भुजाओं को समानांतर रखें। सामने की ओर देखें और इस स्थिति को बनाए रखें। श्वास को अंदर खींचते हुए ऊपर की ओर आ जाएं। अब धीरे-धीरे श्वास लेते हुए प्रारंभिक स्थिति में लौटें। वज्रासन को छोड़कर दण
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