उष्ट्रासन करने की विधि और फायदे...
उष्ट्रासन (ऊंट जैसी शारीरिक स्थिति)उष्ट्रासन दो शब्द मिलकर बना है। ‘उष्ट्र’ का अर्थ ऊंट होता है। इस आसन में अभ्यास की अवस्था में शारीरिक स्थिति ऊंट (उष्ट्र) के सामान हो जाती है। इसलिए इसका नाम उष्ट्र आसन है। शरीरक स्वस्थ लाभ के हिसाब से उष्ट्रासन बैठ कर करने वाले आसन में एक महत्वपूर्ण योगाभ्यास है। जो आप के शरीर को मजबूत बनाने, शरीर में लचीलापन और पाचन में सुधार करने के लिए जाना जाता है। यह आसन छाती, पेट और जांघों सहित कई अंगों को उत्तेजित और टोन करता है।
शारीरिक स्थिति : वज्रासन
उष्ट्रासन योग करने की विधि:-
सावधानियां:-
उष्ट्रासन के फायदे:-
- उष्ट्रासन दृष्टिदोष में अत्यंत लाभदायक है।
- यह पीठ और गले के दर्द से आराम दिलाता है।
- पीठ के निचले हिस्से में दर्द से राहत दिलाता है।
- यह उदर और नितंब की चर्बी को कम करने में सहायक है।
- पाचन क्रिया संबंधी और ह्रदय-श्वसन संबंधी विकारों के लिए यह अत्यंत लाभदायक है।
- जांघों और भुजाओं को मजबूत बनाता है।
- उष्ट्रासन करने से पूरे शरीर में फेफड़ों की क्षमता और रक्त परिसंचरण में सुधार होता है।
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