अर्ध उष्ट्रासन के लाभ और इसे कैसे करें...
अर्ध उष्ट्रासन को अंग्रेजी में (Half Camel Pose) कहा जाता है। उष्ट्र शब्द का अर्थ है ऊंट है। इस आसन के अभ्यास की अंतिम अवस्था ऊंट के कूबड़ या उभार की स्थिति जैसी बनती है। इस आसन के अभ्यास में केवल प्रथम चरण (अर्थ उष्ट्र की स्थिति) का ही अभ्यास किया जाता है। अर्ध उष्ट्रासन को करते रहने से रक्तस्त्राव बढ़ जाता है और मांसपेशियाँ स्वस्थ रहती है।
यह आसन छाती के आकार और फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। साथ ही यह थायरॉयड ग्रंथि को भी उत्तेजित करता है। किया आप जानते है अर्ध उष्ट्रासन (Ardha Ustrasana) को करने का तरीका और उसके अन्य फायदे।
शारीरिक स्थिति: बैठी हुई स्थिति में (विश्रामासन)
अर्ध उष्ट्रासन को करने का तरीका:
विधि और निषेध:
अर्ध उष्ट्रासन के फायदे:
- इस योगाभ्यास से पीठ और गर्दन की मांसपेशियां मजबूत होती है।
- कब्ज एवं पीठ दर्द से मुक्ति मिलती है।
- सिर एवं ह्रदय क्षेत्र में रक्त संचार बढ़ता है।
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