शीतली प्राणायाम | Sheetali Pranayama करने का तरीका और फायदा
शीतली प्राणायाम (Sheetali Pranayama) गर्मियों के मौसम में की जाने वाली क्रिया व प्राणायाम है। गर्मी में इस प्राणायाम को करने से इसके काफी फायदे मिलते हैं। एक्सपर्ट बताते हैं कि जिसका शरीर पर बहुत ज्यादा गर्म हो जाता है, गर्मी के समय में बहुत ज्यादा गर्मी का एहसास होता है, तो वो इस योग क्रिया को कर शरीर को ठंडा कर सकते हैं। शीतली प्राणायाम को करने के लिए मुंह को खोलकर और श्वास को अंदर लेकर जाना होता है।
शीतली प्राणायाम (Sheetali Pranayama) क्या है?
शीतली का अर्थ है शीतल। यह साधक के चित को शांत करता है और मन की व्यग्रता को दूर करता है। जैसा कि शीतली प्राणायाम नाम से ही स्पष्ट है, यह शरीर और मन को शीतलता प्रदान करता है। इसकी सृष्टि शरीर के तापमान को नियंत्रित करने के लिए विशेष रूप से की गई है। इस प्राणायाम के अभ्यास से शरीर में सामंजस्य बनता है और मन भी एकदम शांतचित हो जाता है। इस प्राणायाम का अभ्यास गर्मी में ज़्यदा से ज़्यदा करनी चाहिए और शर्दी के मौसम में नहीं के बराबर करनी चाहिए।
शीतली प्राणायाम की अभ्यास विधि। Sheetli pranayama steps
- पद्मासन अथवा किसी भी अन्य आरामदायक आसन में बैठ जाएं।
- आंखों को बंद करें।
- ज्ञान मुद्रा अथवा अंजलि मुद्रा की अवस्था में अपने हाथों को घुटनों पर रख लें।
- जीभ को किनारों से मोड़कर ट्यूब आकर बना लें।
- इस ट्यूबनुमा जीभ से सांस लेते हुए जितना हो सके हवा शरीर के अंदर प्रवेश कराएं, जीभ को मुख के अंदर वापस ले जाएं और मुंह बंद कर लें।
- दोनों नासिका रंध्रों से धीरे-धीरे श्वास छोड़ें।
- यह शीतल प्राणायाम की एक आवृत्ति है।
- इस अभ्यास को चार बार और दोहराएं।
शीतली प्राणायाम सावधानिया । Sheetli pranayama precautions
- ठंड, कफ अथवा तुंडिका - शोथ(टॉन्सिलाइटिस) के मरीजों को यह प्राणायाम नहीं करना चाहिए।
- कब्ज के पुराने मरीजों को भी ये प्राणायाम नहीं करना चाहिए।
- सर्दियों में इस प्राणायाम से बचें
- जिनका रक्तचाप कम रहता हो उन्हें इस प्राणायाम को नहीं करनी चाहिए।
शीतली प्राणायाम लाभ । Sheetli pranayama benefits
- शीतली प्राणायाम रक्त को शुध्द करता है।
- यह शरीर और मन को शीतलता प्रदान करता है।
- उच्च रक्तचाप वाले व्यक्तियों के लिए यह विशेष लाभप्रद है।
- यह भूख और प्यास का शमन करता है।
- अपच से मुक्ति तथा कफ एवं पित्त से उत्पन्न विकारों को दूर करने में सहायक है।
- यह पुरानी से पुरानी बदहजमी और तिल्ली रोग से छुटकारा दिलाता है।
- यह त्वचा और नेत्रों के लिए भी लाभदायक है।
- पाचन तंत्र से संबंधित बीमारियों में मदद करता है।
- यह शरीर में अतिरिक्त गर्मी को दूर करता है, जिससे गुस्सा, चिंता और तनाव कम होता है।
- सूर्योदय से पहले शीतली प्राणायाम के अभ्यास से याददाश्त और बुद्धि बढ़ती है।
- वे लोग जो सुबह उठते या दिन में भी थके हुए, आलसी और नींद महसूस करते हैं, उन्हें इस प्राणायाम का अभ्यास अवश्य करना चाहिए।
- यह हाई बीपी, कब्ज, अपच, एसिडिटी, अल्सर, बुखार, त्वचा रोग के लिए भी अच्छा है।
- वह, जो नियमित रूप से इस प्राणायाम का अभ्यास करता है संक्रमण से प्रभावित नहीं होते।
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