भ्रामरी प्राणायाम करने का तरीका और लाभ...
भ्रामरी शब्द भ्रमर से लिया गया है, जिसका मुख्य अर्थ है भौंरा। इस प्राणायाम के अभ्यास के समय निकलने वाला स्वर भ्रमर के गुंजन के स्वर की तरह होता है। इसलिए इस योगासन का नाम भ्रामरी प्राणायाम है। इस प्राणायाम के अभ्यास द्वारा, किसी भी व्यक्ति का मन, क्रोध, चिंता व निराशा से मुक्त हो जाता है। यह एक साधारण प्रक्रिया है जिसे हम आसानी से कही भी किसी जगह कर सकते है। भ्रामरी प्राणायाम करने से क्रोध, चिंता और निराशा पर काबू पा सकते है।
भ्रामरी प्राणायाम की योग अभ्यास करने विधि:-
भ्रामरी प्राणायम करते समय सावधानी:-
भ्रामरी प्राणायाम के लाभ:-
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