Skip to main content

History of Tennis (or Lawn Tennis) Game -टेनिस खेल

टेनिस के खेल का इतिहास और महत्वपूर्ण नियम

टेनिस खेल का इतिहास और महत्वपूर्ण नियम...

टेनिस आयताकार कोर्ट पर खेला जाने वाला खेल है, जिसमें दो (एकल) या चार (युगल) खिलाड़ी होते हैं। टेनिस के बल्ले को टेनिस रैकट और मैदान को टेनिस कोर्ट कहते है। खिलाडी तारो से बुने हुए टेनिस रैकट के द्वारा टेनिस गेंद जोकि रबर की बनी, खोखली और गोल होती है, जाली वाले रैकेटों से एक गेंद को मैदान के बीच में लगे जाल या नेट के ऊपर से आर-पार मारते हैं। इसमें उद्देश्य गेंद को इस तरह मारना होता है कि प्रतिद्वंदी गेंद तक न पहुँच पाये या वह उसे सही ढंग से ना लौटा पाये। यदि मारी गयी गेंद का विरोधी खिलाड़ी जवाब नहीं दे पाता है तो मारने वाले खिलाड़ी को पॉइंट मिलता है। यह खेल पुरुषों और महिलाओं दोनों में खेला जाता है।

परिचय:-

टेनिस कोर्ट का माप एकल खेलों के लिए 23.77 X 8.23 मीटर (78 x 27 फुट)और युगल के लिए 23.77 X 10.97 मीटर (78 x 36 फुट ) होता है। मध्य में नेट की ऊँचाई तीन फ़ीट होती है और यह दोनों तरफ़ कोर्ट से 3 फ़ीट बाहर गड़े साढ़े तीन फ़ीट ऊँचे खंभों पर बधाँ रहता है। जाल के धागे या धातु के बार का अधिकतम व्यास- ०.8 सेमी। टेनिस को मूलत: घास के कोर्ट के कारण 'लॉन टेनिस' कहा जाता था, जो अभी भी प्रचलन में है, लेकिन सबसे आम कोर्ट सामग्रियाँ मिट्टी, सीमेंट और कई गद्देदार डामरीकृत संजात और कृत्रिम सतहें हैं। टेनिस की गेंद दाबानुकूलित रबर क्रोड की बनी होती है, जिस पर उच्च गुणवत्ता वाला कपड़ा चढ़ा रहता है और इसका व्यास लगभग 68 मिमी और वज़न 56.7 ग्राम होता है।

टेनिस खेल का इतिहास:-

लॉन टेनिस का इतिहास(Tennis History In Hindi)रोचक और महत्वपूर्ण है। 13 वीं शताब्दी में ईरान, मिस्र और फ्रांस में टेनिस से मिलता-जुलता खेल खेला जाता था। फ्रांस में इस खेल का प्राचीन नाम 'ज्यू द पॉम' था। सन् 1406 में इस खेल को टेनिस नाम दिया और घास के मैदान पर खेला जाने के कारण इसे लॉन टेनिस कहा गया। जिससे आधुनिक आउटडोर टेनिस विकसित हुआ। 17 वीं 18 वीं शताब्दी में यह खेल इंगलैण्ड में लोकप्रिय हुआ। 1873 ई. में मेजर डब्ल्यू, वॉल्टर विंगफील्ड ने इस खेल को इंगलैण्ड में लोकप्रिय बनाया। इसके बाद यह खेल ब्रिटिश साम्राज्य के माध्यम से पूरे विश्व में लोकप्रिय हुआ। अमरीका में इस खेल को प्रारम्भ करने का श्रेय कुमारी ई. आउटरब्रिज को दिया जाता है। 1927 ई. में यू. एस. प्रोफेशनल लॉन टेनिस क्लब की स्थापना हुई।
चूँकि आधुनिक टेनिस का जन्मदाता इंगलैण्ड है। इसलिए टेनिस की सबसे बड़ी प्रतियोगिता विम्बलडन इंगलैण्ड में ही सम्पन्न होती है। विम्बलडन का शुभारम्भ सन्1877 ई. में 'ऑल इंगलैण्ड चैम्पियनशिप' के नाम से हुआ था।
विम्बलडन की इस चैम्पियनशिप का ख़िताब ब्रिटेन के 'स्पेन्सर गौर' को प्राप्त हुआ था।
सन् 1913 ई. में 'अंतर्राष्ट्रीय टेनिस महासंघ' की स्थापना हुई। टेनिस के प्रतिष्ठित 'डेविस कप' की शुरुआत 1900 ई. में हुई। टेनिस को 1896 से 1924 तक ओलम्पिक से हटा दिया गया। 1988 के सियोल ओलम्पिक' में दोबारा इस खेल को ओलम्पिक में सम्मिलित कर लिया गया।

भारत में टेनिस खेल का इतिहास:-

ज्यादातर खेलों की तरह भारत में इस खेल को अंग्रेजो ने शुरू किया। 1940 के आसपास यह खेल संघटनात्मक स्वरूप पाकर राष्ट्रिय स्तर पर खेला जाने लगा। 1946 में कलकत्ता में प्रथम बार राष्ट्रिय प्रतियोगिता आयोजित की गई भारत में कई अन्तर्रष्ट्रीय स्तर के टेनिस खिलाड़ी हुए है पिता-पुत्र की जोड़ी रामनाथन एवं रमेश कृष्णन, अमृताराज बंधु, (विजय और आनन्द) और लिएंडर पेश तथा महेश भूपति की जोड़ी और सानिया मिर्जा ने समय-समय पर भारत का नाम रोशन किया। विम्बलडन में भारत की प्रथम भागीदारी सरदार निहाल सिंह द्वारा 1908 में हुई। विम्बलडन में भारत की प्रथम बड़ी उपलब्धि 1939 ई. में गौस मुहम्मद का प्री. क्वाार्टर फाइनल में पहुँचना था। इसके बाद रामानाथन और कृष्णन क्रमश: 1960 और 1961 में विम्बलडन के सेमी-फाइनल में पहुँचे।
भारत तीन बार डेविस कप के फाइनल में भी पहुँचा है। भारतीय टेनिस का सर्वेाच्च बिन्दु 1999 ई. में आया। जब भारत के लिएंडर पेस और महेश भूपति ने फ्रेंच ओपन और विम्बलडन पुरुष युगल ख़िताब जीता। 1990 के दशक के उत्तरार्ध्द में भारतीय टेनिस की कहानी लिएंडर पेश और महेश भूपति के आसपास घूमती रही। इन दोनों के कुल मिलाकर 15 ए. टी. पी. टुअर खिताब जीते।

खिलाडी और खेल उपकरण:-

यह खेल में सिंगल्स और डबल दोनों तरह से खेला जाता है. सिंगल में नेट के दोनों तरफ एक-एक खिलाड़ी होते हैं, और डबल्स में नेट के दोनों तरफ खिलाड़ियों की संख्या दो होती है।
  • इस खेल में इस्तेमाल होने वाले रैकेट में सिंथेटिक धागे लगे होते हैं, जहाँ से गेंद को हिट किया जाता है, जो एक स्थायी स्थिति में होता है। रैकेट के जिस जगह से गेंद को हिट किया जाता है, वह भाग प्रायः अंडाकार होता है।
  • इसमें इस्तेमाल होने वाली गेंद प्रायः रबर की बानी होती है. जिनपर एक विशेष तरह का कपड़ा सिलाई करके लगाया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय टेनिस फेडरेशन के अनुसार गेंद का व्यास 65.41 मिलीमीटर से 68.58 मिलीमीटर तक और इसका वजन 56.7  से 58.5 ग्राम के बीच होना चाहिए।
  • टेनिस कोर्ट 78 फीट लम्बा और 27 फीट चौड़ा होता है। इसमें सेंटर मार्क, बेस लाइन सर्विस लाइन, सेंटर सर्विस लाइन, सिंगल साइड लाइन आदि सफ़ेद रंग से खींची हुई पटी होती है।
  • बेस लाइन और सर्विस लाइन कोर्ट की चौडाई को निरुपित करते हैं. डबल साइड लाइन इसकी लम्बाई निरुपित करती है. और सेंटर सर्विस लाइन नेट की किसी भी साइड को दो भागों में बाँटता है, बंटी हुई जगह चतुर्भुजाकार होती है जिसे सर्विस कोर्ट कहते हैं।
  • टेनिस स्कोरिंग:-

    टेनिस खेल में पॉइंट्स दो तरह के होते हैं, जिन्हें सेट पॉइंट और मैच पॉइंट कहा जाता है। पहला मैच पॉइंट 15 सेट पॉइंट तक, दुसरा मैच पॉइंट 30 सेट पॉइंट तक, तीसरा मैच पॉइंट 40 सेट पॉइंट्स तक होता है। यानि यदि किसी खिलाड़ी का स्कोर 40 सेट पॉइंट है, तो वह तीसरे मैच पॉइंट में है। खेल जीतने के लिए खिलाड़ी को अपने विरोधी खिलाड़ी से एक निश्चित पॉइंट्स के सेट जीतने होते हैं। For example, यदि विरोधी खिलाड़ी 5 मैच पॉइंट जीत चूका है, तो सामने वाले खिलाड़ी को अपना स्कोर 7-5 का करना होगा। यदि ये स्कोर सेट 6-6 का हो गया तो सातवाँ स्कोर बनाने वाला खिलाड़ी जीत जाएगा।

    टेनिस के महत्वपूर्ण नियम:-

  • टेनिस मैच शुरू होने से पहले दोनों तरफ के खिलाड़ियों के बीच टॉस होता है। इस टॉस से ये तय होता है कि कौन सा खिलाड़ी सर्विस करेगा और कोर्ट के किस तरफ से करेगा। सर्वर प्रत्येक पॉइंट्स को बेस लाइन के वैकल्पिक तरफ से सर्व करता है।
  • यदि सर्वर पहली सर्विस देने में असफल हो जाता है, तो उसे सर्व करने का दूसरा मौक़ा मिलता है। दूसरी बार ऐसा होने से सर्व करने वाले खिलाड़ी को दो फौल्ट्स का सामना करना होता है और उससे पॉइंट जाते है। सर्वे कर लने पर गेंद यदि सर्विस कोर्ट में रह जाए तो बिना किसी पेलान्टी (दंड) के सर्व करने का एक और मौक़ा मिलता है।
  • रिसीवर अपनी कोर्ट में गेंद रिसीव करने के लिए कहीं भी खड़ा हो सकता है। यदि गेंद को सर्व बौंसिंग के बगैर मारा जाता है, तो सर्वर को पॉइंट मिलता है। सर्विस करने के बाद दोनों प्रतिनिधि खिलाड़ियों के मध्य अनगिनत शॉट्स हो सकते है। इस बीच जो खिलाड़ी अपने विरोधी दल के स्कोरिंग भाग में गेंद पहुँचाने में असफल होता है, तो उसके विरोधी खिलाड़ी को उसके पॉइंट्स मिलते हैं।
  • मैच पोंट्स सेट पॉइंट्स के एक निश्चित आंकड़े को पार करने के बाद मिलता हैं। 15 स्कोर पर 1 पॉइंट, 30 स्कोर पर 2 और 40 पर 3 पॉइंट्स होते हैं। एक मैच जीतने के लिए 4 पॉइंट्स चाहिए होते है।
  • यदि किसी मैच में दोनों तरफ के खिलाड़ी का स्कोर 40-40 हो जाता है, तो इस परिस्तिथि को ‘डयूस’ कहा जाता है। डयूस होने पर जीतने के लिए किसी खिलाड़ी को लगातार 2 पॉइंट बनाने होते हैं। डयूस के बाद यदि कोई खिलाड़ी लगातार दो पॉइंट्स नहीं जीत पाता और दोनों एक-एक पॉइंट पर होते है, तो वह फिर से डयूस की स्तिथि में चले जाते है।
  • किसी सेट को जीतने के लिए खिलाड़ी को 6 खेलें 2 या 2 से अधिक की बढ़त के साथ जीतनी होती हैं। किसी तरह यदि ओपनिंग सेट की परिस्तिथि 6-6 की हो जाती है, तो इसे टाई बराक कहा जाता है और खिलाडियों को सातवे खेल के लिए खेलना होता है। इसके बाद खिलाड़ियों को बिना किसी टाई ब्रेक के खेलना होता है।
  • अगर खेल के दौरान कोई खिलाड़ी नेट को हाथ लगाता है या अपने विरोधी खिलाड़ी को परेशान करता है, उसका ध्यान खेल से हटाना चाहता है तो ऐसा करने से खिलाड़ी ख़ुद ब ख़ुद पॉइंट हारता है। लाइन के अन्दर किसी भी जगह पर गेंद गिरने पर उसे बॉल इन और लाइन के बाहर गिरने पर उसे बॉल आउट कहा जाता है।
  • अगर विरोधी उसको वापस मारने (यानि प्रतिद्वंदी के भाग में, जाल के उस पार) में असफल होता है जो अंक गंवा बैठता है। इसके अलावा गेंद नेट पर हिट करने से, विरोधी खिलाड़ी के कोर्ट में न पंहुचा पाने की स्तिथि में या अपने कोर्ट में गेंद के दो बार टप्पा खाने से पहले नहीं मारने पर खिलाड़ी पॉइंट्स हारता है।
  • Related Pages:
    1. Western & Southern Open Winners List
    2. Tennis singles and doubles winners at the Olympics
    3. Australian Open men's doubles champions
    4. List of Wimbledon Men’s Singles Winners
    5. Wimbledon Women’s Singles Winners
    6. Rolex Paris Masters Tennis Men's Singles/Doubles Champions
    7. China Open Tennis Championship Winners List
    8. List Of Tennis Grand Slam Winners
    9. Stockholm Open Tennis tournament winners list
    10. List of Australian Open Winners
    11. Tennis Players from India
    12. List of Rajiv Gandhi Khel Ratna Award Winners
    13. List of Sports Cups and Trophies
    14. List of Padma Shri Awardees since 1954

    Sport| Football |Tennis | Cricket | Yoga | GYM | G K


    Comments

    Read other -

    World\Squash\WSF World Team Squash Championships

    List of WSF World Team Squash Champions WSF World Team Squash Championships... WSF World Team Squash Championships is an international squash competition organized by WSF (World Squash Federation), played between teams representing different countries. See a complete list of WSF World Team Squash Championships here. Also Read : European Squash Team Championships Some facts : WSF World Team Squash Championship event is held once every two years, with the location changing each time. WSF World Team Squash Championships men's and women's events are held at two venues in different years. Men's : List of WSF World Team Squash Men's Champions Year Champions Runners-up Third-Place Fourth-Place Venue 2024 Egypt England France /Switzerland Hong Kong, China 2023 Egypt England France /Switzerland Tauranga, New Zealand 2021 cancelled due to COVID-19 pandemic Kuala Lumpur, Malaysia 2019 Egypt England France /Wales Washi...

    General Yoga Practice 2- स्कंध संचालन

    सामान्य योग अभ्यास के लिए दिशानिर्देश | General Yoga Practice in Hindi सामान्य योग अभ्यास... सामान्य योग अभ्यास (General Yoga Practice) — दिशानिर्देश और लाभ सामान्य योग अभ्यास के दौरान कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं का ध्यान रखना आवश्यक है। यह न केवल शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है, बल्कि मानसिक शांति और एकाग्रता को भी बढ़ाता है। ध्यान देने योग्य बातें: योग अभ्यास हमेशा खाली पेट या हल्का भोजन करने के बाद करें। शांत और स्वच्छ वातावरण में अभ्यास करना श्रेष्ठ माना जाता है। धीरे-धीरे और सहज गति से अभ्यास करें, जल्दबाज़ी न करें। शरीर की क्षमता के अनुसार ही आसन करें। स्कंध संचालन का अभ्यास: स्कंध संचालन (Shoulder Rotation) शरीर का एक सूक्ष्म व्यायाम है। यह रक्त परिसंचरण (Blood Circulation) को बेहतर बनाता है और कंधों की जकड़न को दूर करता है। इस अभ्यास को खड़े होकर या बैठकर किया जा सकता है। योग से होने वाले लाभ: तनाव और चिंता में कमी। रक्त प्रवाह और श्वसन तंत्र में सुधार। लचीलापन ...

    Cricket/Record/List of Cricket Records

    List of Cricket Records | Fastest Test Runs Milestones | India-Sportmart Cricket Records List... Records have always attracted people. Setting a record in any field, especially in cricket or other sports, requires time, patience and good performance. Here is the list of all the records achieved by cricket players from golden ducks to most centuries. List of Cricket Records: ◾ Highest Strike Rate In ODI ◾ Most Runs as Captain In ODI ◾ Highest Batting Average In ODI ◾ Consecutive Centuries In ODI ◾ Fastest century in ODI ◾ Most Fifties In ODI ◾ Most Sixes In ODI ◾ Most Fours in ODI ◾ Lowest Score In ODI ◾ Fastest 1000 Runs In ODI ◾ Fastest 2000 Runs In ODI ◾ Fastest 3000 Runs In ODI ◾ Fastest 4000 Runs In ODI ◾ Fastest 5000 Runs In ODI ◾ Fastest 6000 Runs In ODI ◾ Fastest 7000 runs...

    T20 Blast/Vitality T20 Blast Winners List

    Vitality T20 Blast Winners & Runners-Up List | India-Sportmart T20 Blast Winners List (2003–2025) | Vitality Blast Champions & Runners-Up... The T20 Blast , currently known as the Vitality Blast for sponsorship reasons, is the premier professional Twenty20 cricket tournament played by first-class counties in England and Wales. Launched in 2003 by the England and Wales Cricket Board (ECB) , it holds the distinction of being the world’s first professional Twenty20 league , setting the stage for the global T20 revolution. The tournament quickly gained popularity for its fast-paced matches, thrilling finishes, and ability to attract large crowds to stadiums across the country. Over the years, it has produced some of the most memorable moments in English domestic cricket, showcasing both young talent and international stars. Today, the Vitality Blast remains the flagship Twenty20 competition in England and Wales, and...

    IPL/Cricket/Top 20 player of the match awards in IPL History

    Top 20 player of the match awards in IPL History (max-width- 640px)"> Most player of the match awards in ipl history... AB de Villiers leads the all-time list with 25 awards in IPL history, followed by Chris Gayle in second place with 22 awards. Rohit Sharma has won 20 Man of the Match awards. Virat Kohli has 19, MS Dhoni has 18 and David Warner has 18. Here’s top 20 list of the player of the match awards in Indian Premier League (IPL) history Top 20 player of the match awards in IPL History # Player Teams Matches Batting Bowling Awards Inns Runs Avg Overs ...

    Who is the player to hit six sixes in an over?

    Who is the player to hit six sixes in an over of cricket?  Everyone is excited to watch and play the game of cricket. Hitting six sixes in an over of cricket is a semi-legendary achievement that is rarely realized, although every player has shown the ball the way out of the field, but hitting 6 sixes in 6 balls in a row is just a matter of every player. It is not a matter of fact that only a few selected players have done this feat till date. Even in the big-ass era of T20 batting. The Indian player hit six consecutive sixes in a first-class over and then achieved this feat in one-day international, T20 matches. The excitement of watching the game of cricket increases even more when our favorite players rain fours and sixes on the field. Eg: Hitting 6 consecutive sixes in 6 balls is not a matter of every player, only a few players have done this feat till date. For this reason, we are going to tell you the names of such cricketers, who surprised everyone by hitting 6 consecutiv...

    Balasana (Child’s Pose)-Shishuasana-बालासन

    बालासन करने का सही तरीका, फायदे और सावधानियां बालासन करने का सही तरीका, फायदे और सावधानियां... बालासन संस्कृत का शब्द है बाल का अर्थ है- शिशु या बच्चा और आसन का अर्थ मुद्रा (pose) है। बालासन में हम एक शिशु की तरह वज्र आसन में बैठ कर हाथों और शरीर को आगे की ओर झुकाते है। यह आसन बेहद आसान है, और अनेक फायदे है, यह आसन कई विभिन्न आसनों से मिलता-जुलता रूप है। बालासन का अभ्यास शीर्षासन से पहले और बाद में किया जा सकता है। बालासन को करते समय जमीन पर लेटे बच्चे की तरह आकृति बनती है और कूल्हे जमीन से ऊपर उठे हुए एवं घुटने जमीन से चिपके होते हैं। इसलिए इस आसन को बालासन पोज कहा जाता है। इस आसन को गर्भाशन या शशांकासन (Shashankasana) भी कहा जाता है। बालासन का अभ्यास करने से शरीर के कई विकारों को दूर करने में मदद करता है। कमर की मांसपेशियों को आराम देता है और ये आसन कब्ज़ को भी दूर करता है। मन को शांत करने वाला ये आसन तंत्रिका तंत्र को शांत करता है। बालासन (शिशुआसन) करने की विधि : सर्वप्रथम वज्रासन मे जमीन पर या योगामेट लें कर बैठ जाये अपनी रीढ़ को सीधा रखे। फिर ...

    GK\Questions\Related to cricket and hockey in hindi

    क्रिकेट व हॉकी GK प्रश्न — प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर (PDF व क्विज़) क्रिकेट और हॉकी से संबंधित प्रश्न... यहां सभी प्रकार की प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए क्रिकेट और हॉकी खेल से संबन्धित महत्वपूर्ण जीके प्रश्न हैं। ये प्रश्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे गए हैं, और प्रतियोगी परीक्षाओं में फिर से पूछे जाने की संभावना है। यहां खेल से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर शामिल हैं जो विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के सामान्य जागरूकता अनुभाग में अक्सर पूछे जाते हैं। आप अपने समान्य ज्ञान को बढ़ाने के लिए एक बार जरूर पढ़े। हॉकी और क्रिकेट खेल से संबंधित प्रश्न और उत्तर प्रश्न उत्तर ━ ‘हाकी के जादूगर’ नाम से कौन जाने जाते हैं? मेजर ध्यानचंद ━ कौन-सा हॉकी खिलाड़ी ‘ददा’ के नाम से भी जाना जाता था? मेजर ध्यानचंद ━ ‘गोल’ किस खिलाड़ी की आत्मकथा है? मेजर ध्यानचंद की ━ किस के जन्म दिवस को राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है? मेजर ध्यानचंद के जन्म दिवस को ━ 16 यार्ड हिट पद किस खेल से संबंधित है? हॉकी ...

    Easy Pose - Sukhasana

    Easy Pose - How to Practice Sukhasana | Step-by-Step Guide Easy Pose (Sukhasana): How to Practice... PRONUNCIATION: SUK-HAS-ANNA Sukhasana is a grounding pose ideal for meditation or breathwork practice. It encourages a calm, focused mind while supporting proper posture. INSTRUCTIONS: 1. Sit evenly on your sit bones and cross your shins in front of you. Ensure there is some space between your calves and thighs. 2. Once seated, relax your back by gently engaging your abdominal muscles to draw your lower ribs back toward your spine. 3. Optional: Incorporate a hand mudra to deepen your meditation or focus. BREATHING: If you want to practice Ujjayi breathing in this pose, close your eyes and begin to breathe deeply in and out through your nose. Fully fill your lungs with each inhale. Once comfortable, aim for an even rhythm so that the length of your inhale matches the length of your exhale. Try to maintain this for a minute or lon...