मयूरासन | Mayurasana (Peacock Pose) Steps & Benefits
वास्तव में, योग के प्रति लोग आकर्षित हो रहे हैं जिस तरह से योग के फायदे हैं वैसे ही हर व्यक्ति योग के बारे में गहराई से जानना चाहते हैं। योग में विभिन प्रकार के आसन हैं जिसमें से एक है मयूरासन ( Mayurasana ) है।
ऐसा बताया जाता है कि मोर पक्षी की पाचन शक्ति इतनी अधिक होता है कि कंकड़ पत्थर क्या यहां तक कि सर्प का विष भी बचा जाता है। ठीक उसी तरह मयूरासन करने वाले व्यक्ति की पाचन शक्ति इतनी अधिक बढ़ जाता है कि वह कुछ भी भोजन आसानी से पचा सकता है। मयूरासन कई प्रकार से हमारे शरीर के लिए लाभप्रद है। इस मुद्रा में आगे की ओर झुका जाता है जिससे की रक्त का बहाव हमारे चहरे की तरफ होता है। इससे त्वचा में चमक आती है। साथ ही इस आसान के प्रयोग से तनाव भी काम होता है। यह आसान है जो पेट की भट्टी में ऐसी आग लगता है जिससे जो भी हम खाते है सब आसानी हजम हो जाता है। पेट की गैस, एसिडिटी या बदहजमी जैसी अनेक पेट से सम्बंधित परेशानियों से निजात पाने का उपाय है।
मयूरासन क्या है? | What is Mayurasana
मयूरासन (Maayurasana) हैंड बैलेंसिंग आसन है। जैसे इस आसन के नाम से प्रतीत होता है कि यह आसन दो शब्दों से मिलकर बना है मयूर + आसन = मयूरासन। इस योग को करते समय व्यक्ति के शरीर के अक्रती मोर पक्षी के समान दिखाई देती है | इसलिए इसे मयूरासन कहा जाता है। मयूरासन यानी मयूर की तरह किया जाने वाला आसन। इस आसन को बैठकर सावधानीपूर्वक किया जाता है। इस आसन में शरीर का पूरा भार हाथों पर टिका होता है और शरीर हवा में लहराता है।
मयूरासन करने की विधि | Mayurasana / Peacock Pose Steps With Right Technique And Posture
- सबसे पहले किसी नरम चटाई पर वज्रासन में बैठ जाएं।
- अपने हाथों को जमीन पर रखें, जिसमे आपको अपनी हाथ की उंगली को अपने पैरों की ओर रखना है।
- पंजे एक साथ रखें और दोनों घुटनों को दूर दूर रखें।
- दोनों घुटनों के बीच में अपने दोनों हाथ होने चाहियें।
- अब घुटनों को फैलाते हुए दोनों घुटनों पर सवार हो जाए।
- दोनों हथेलियों को दोनों घुटने के बीच में इस प्रकार रखें कि अंगुलियां अंदर की ओर एवं दोनों अंगूठा दोनों घुटनों को पॉइंट कर रहा हो।
- इसके बाद अपने हाथ की कोहनी को (एक समकोण की ओर) अपने पेट पर अच्छे से सेट करें, इसमें दोनों कोहनी आपकी नाभि के दाएं-बाएं होंगी।
- इसके बाद अपने दोनों पैरों को पीछे की ओर फैला के सीधा कर लें।
- अब अपने शरीर को आगे की ओर झुकाएं और अपने दोनों हाथों पर शरीर का पूरा वजन लाने का धीरे धीरे प्रयास करें।
- फर्श से अपना सिर उठाएं।
- दोनों हाथों पर संतुलन बना के अपने शरीर को ऊपर रखें, इसमें सिर्फ आपके हाथ जमीन से जुड़े रहेंगे और आपका पूरा शरीर हवा में रहेगा।
- इस स्थिति में 15 से 20 सेकंड तक रुके एवं पैरों को जमीन पर टिकाते हुए मूल अवस्था में आए।
- पुनः अपनी प्रारंभिक स्थिति में आने के लिए अपने पैरों को नीचे जमीन पर लें आयें।
- श्वास को समान हो जाने पर पुनः इसे तीन से चार बार दोहराएं।
मयूरासन योग करते समय सावधानियां | Precautions while doing Mayurasan Yoga
- इस आसन को खाली पेट करना चाहिये।
- उच्च रक्तचाप, हृदय और हर्निया रोग की शिकायत वालों को यह योग नहीं करना चाहिए |
- ब्लड प्रेशर वालों को यह योग नहीं करना चाहिए।
- अधिक वजन और गर्भवती महिलाओं को इस मुद्रा को नहीं करना चाहिए। यह जटिलताओं को जन्म दे सकता है।
- इस आसन को करने के लिए शरीर का संतुलन बनाए रखना जरूरी है।
- इस आसन को सुबह के समय करना अधिक लाभदायक होता है। अगर आप सुबह के समय इस आसन को नहीं कर पाते हैं, तो आप इसे शाम के समय भी कर सकते हैं।
- यदि आपको पेट में अल्सर की समस्या या किसी प्रकार का ऑपरेशन हुआ हो, तब भी यह आसन न करें।
मयूरासन के फायदे और लाभ | Health Benefits of Mayurasana / Peacock Pose Yoga
- मधुमेह से पीड़ित रोगियों के लिए यह मुद्रा लाभकारी है।
- यह कब्ज के लक्षणों को भी कम करता है।
- यह ट्यूमर और बुखार से छुटकारा पाने में मदद करता है।
- पाचन तंत्र को ठीक करने में इस आसन का अभ्यास अधिक फायदेमंद है।
- कंधे मजबूत होते है, तनाव दूर होता है तथा चेहरे की चमक और सुंदरता बढ़ाता है|
- भुजाओं, हाथों और कंधो को मजबूत तथा जार्डन और मेरुदण्ड (रीढ़ ) के लिए लाभदायक होता है|
- यह योगासन विषैले पदार्थों को हटाकर रक्त को डिटॉक्सीफाई करता है।
- यह शरीर की मुद्रा को बेहतर बनाने में मदद करता है।
- यह योग पेट की मांसपेशियों को टोन करता है और प्लीहा, पित्ताशय की थैली, गुर्दे, लीवर, एवम पेट के अंगों को मजबूत करता है। और शरीर प्रणाली को भी प्रसारित करता हैं।
- मयूरासन करने से गुर्दे, अग्नाशय, यकृत, तिल्ली के साथ साथ आमाशय आदि को भी लाभान्वित करता है|
- यह आसन मुद्रा फेफड़ो के लिए बहुत उपयोगी है। इसके भयास से वक्षस्थल, फेफड़े, पसलियां और प्लीहा को शक्ति मिलती है|
- यह मणिपुर चक्र को भी उत्तेजित करता है क्योंकि नाभि पर मणिपुर चक्र स्थित होता है, जब कोहनियों को नाभि में दबाया जाता है, तो मणिपुर चक्र सक्रिय हो जाता है।
- यह शरीर में रक्त के संचार को नियमित करता है तथा आँखों से सम्बंधित रोगों को दूर करने में सहायक होता है|
- यह एकाग्रता बढ़ाता है, और रोग प्रतिरोधक शक्ति को सुधारता है।
- यह यौन गतिविधियों में भी सुधार करता है।
- यह योगासन मन को शांत करता है और तनाव को कम करता है।
मयूरासन | Mayurasan video in Hindi
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