Gorakshasana | गोरक्षासन
गोरक्षासन (Gorakshasana) बहुत ही आसान मुद्रा होती है, और इसके कई प्रकार के लाभ भी होते है। यह आसन बैठ कर किये जाने वाले आसनों में से एक होता है। इस आसन में महागुरु गोरक्षनाथ (गोरखनाथ) साधना किया करते थे इसलिये इसे “गोरक्षासन’ कहते हैं। गोरक्षासन को करने से पाचन क्रिया मजबूत होती है, साथ ही पेट से जुड़ी समस्याएं भी दूर हो जाती है। गोरक्षासन को करने से बुद्धि तीक्ष्ण होती है, और स्मरण शक्ति का भी विकास होता है। स्वप्नदोष, गर्दन की दुर्बलता, अनिद्रा, दमा जैसी समस्याओं का निदान होता है। शरीर शुद्धिकरन में अपना योगदान देता है। शरीर में स्नायु के शक्ति के लिए यह आसन लाभकारी है। साथ ही इस आसन को प्रतिदिन करने से शरीर भी पतला होता है।
गोरक्षासन को करने की विधि | Method of performing Gorakshasana
- सर्वप्रथम आप जमीन पर बैठकर पांव सामने की ओर फैलाएं।
- ध्यान रखे की आपकी पीठ सीधी होनी चाहिए।
- पांवों को घुटनों से मोड़ें और अब दोनों पैरों की एडि़यां एक साथ ले आएं।
- इसके बाद अपने शरीर को थोड़ा ऊपर उठाकर एड़ियों पर बैठ जाए। इस समय भी अपनी पीठ को सीधा रखे।
- दोनों घुटने जमीन से सटा हुआ रहना चाहिए, और अपने हाथों को घुटनों से लगा कर रखे। इस मुद्रा में आपकी पीठ और गर्दन दोनों ही सीधे रहने चाहिए।
- इस स्थिति में जब तक संभव हो रहें और उसके बाद आरंभिक अवस्था में लौट आएं।
- इस तरह करने से एक चक्र पूरा हो जायेगा।
- इस पूरी प्रक्रिया को 3 से 5 चक्र करे।
- इस मुद्रा को करते समय साँस को सामान्य रखना चाहिए।
- अभ्यास होने पर आप इसका समय बढ़ा सकते है।
गोरक्षासन सावधानी | Gorakshasana precautions
- यदि आप मोटापा से ग्रस्त हैं तो इस आसन को बहुत सावधानी के साथ या किसी विशेषज्ञ के सामने करें।
- यदि किसी व्यक्ति को घुटने का दर्द है तो उसे इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
- एड़ी में दर्द होने पर भी इस योगाभ्यास को नहीं करनी चाहिए।
- इस आसन का अभ्यास आसानी से करें। इस आसन को नियमित करे तभी इसका लाभ प्राप्त हो सकता है।
गोरक्षासन को करने से लाभ | Benefit from doing Gorakshasana
- इस आसन को नियमित करने से घुटने मजबूत होते है। साथ ही कूल्हे(Hips), नितम्ब (Buttocks), पिंडलियों (Calves), जोड़ों के दर्द से भी राहत मिलती है।
- गोरक्षासन किडनी के विभिन्य विकारों में लाभकारी है।
- यह योगाभ्यास शरीर के संतुलन बनाए रखने में मददगार है। साथ ही यह कुंडली जागरण में भी मददगार होता है।
- गर्भावस्था के दौरान होने वाले समस्याओं को दूर करने के लिए भी यह आसन लाभकारी होता है।
- गोरक्षासन को करने से मूत्र सम्बन्धी रोग, गुदा के रोग और बवासीर जैसे रोगों को दूर करने में मदद मिलती है।
- गोरक्षासन आपके पेट से सम्बंधित गैस को कम करने में मदद देता है।
- गोरक्षासन के अभ्यास से भोजन का अच्छी तरह से पाचन हो जाता है जसके कारण मलमूत्र सही मात्रा में शरीर से निकलता है।
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