त्राटक ध्यान क्या है? | India Sport-mart
त्राटक ध्यान क्या है?
त्राटक ध्यान के द्वारा मन की एकाग्रता को बढ़ाना और बुद्धि को तीक्ष्ण करना होता है। त्राटक ध्यान एक बहुत ही शक्तिशाली और विशेष प्रकार की ध्यान साधना है। त्राटक ध्यान साधना हमारे ऋषियों – मुनियों द्वारा बनाई गयी एक विशेष ध्यान साधना है। इससे विचारों का संप्रेषण, दूसरे के मनोभावों को ज्ञात करना, सम्मोहन, आकर्षण, अदृश्य वस्तु को देखना, दूरस्थ दृश्यों को जाना जा सकता है। इसके जरिये हम किसी विशेष वस्तु या व्यक्ति से जुड़ सकते है। इसे कई बार टेलीपैथी या मन की बातों को जानने के लिए उपयोग में लिया जाता है। त्राटक को हठ योग की श्रेणी में रखा गया है। इस प्रक्रिया को त्राटक ध्यान कहा जाता है।
त्राटक को हम कई नाम से जानते है, जैसे की त्राटक ध्यान (Tratak Dhyan), त्राटक साधना (Tratak Sadhana) व त्राटक योग (Tratak Yoga)।
त्राटक ध्यान के प्रकार:-
अन्तः त्राटक (Inner Tratak): अन्तः त्राटक में हम आँखों को बंद कर के अपने मन में किसी भी विशेष वस्तु और विशेष व्यक्ति पर अपना सम्पूर्ण ध्यान लगाते है। या फिर हम अपने दोनों आँखों के बीच में अपना ध्यान लगाते है। शुरुआत में इस ध्यान साधना से आँखों में दर्द या सिर में दर्द का अनुभव हो सकता है परन्तु नियमित अभ्यास से आपको इस स्तिथि का अनुभव होना बंद हो जाएगा।
मध्यम त्राटक (Middle Tratak): मध्यम त्राटक में हम अपने आँखों से कुछ दुरी पर मोमबत्ती रख कर या किसी बिंदु पर अपना सम्पूर्ण ध्यान लगाते है। इस क्रिया में हम अपने आँखों से एक फिट की दुरी पर और आँखों के बिलकुल समांतर रख कर एकाग्रता से टकटकी लगाते है। इसके अलावा हम किसी सफेद पेपर पर काला बिंदु बनाकर भी इस का अभ्यास कर सकते है।
बाह्य त्राटक (Outer Tratak): बाह्य त्राटक में हम किसी बिंदु, ज्योति, सूर्य, चन्द्रमा, तारों व किसी तस्वीर पर अपना ध्यान लगाते है। यह एक उच्च श्रेणी का त्राटक है जिसे नियमित अभ्यास से प्राप्त किया जाता है। आप इन सब के करने के तरिके व सावधानियों को निचे पढ़ सकते है।
त्राटक ध्यान की विभिन्न विधिया:-
त्राटको के सभी प्रकार बिना पलक झपकाए बिलकुल एकाग्रता से ध्यान लगाना होता है।
बिंदु त्राटक साधना (Bindu Tratak Sadhana): इसको करने के लिए आपको सफ़ेद दीवार पर व एक सफ़ेद कागज पर 3-4mm काला व गोल बिंदु बना लीजिये। फिर उसकर बिना पालक झपकाए एकाग्रता से देखते रहे। यह बहुत आसान व कही भी किया जा सकने वाला है। शुरुआत में हमे इसी से त्राटक से शुरुआत करनी चाहिए। इसको हम कही भी कभी भी कर सकते है। इसलिए इसको सबसे अच्छा मन जाता है। ध्यान दे – दीवार के पीछे या कागज़ का रंग बिलकुल सफेद, बिंदु का रंग काला और आकार बिलकुल गोल होना चाहिए।
चंद्र त्राटक साधना (Moon Tratak Sadhana): इसमें हम रात्रि के समय चन्द्रमा को लगातार देखकर त्राटक करते है। यदि आपका मन अशांत है तो आप चंद्र त्राटक का अभ्यास करे। क्योकि चन्द्रमा का सम्बन्ध हमारे मन से होता है। ध्यान दे – इसको बदल रहित साफ़ मौसम में करना चाइये। अन्यथा हम सही तरिके से नहीं कर पाएंगे।
सूर्य त्राटक साधना (Sun Tratak Sadhana): इसमें हम उगते व ढलते (अस्त) सूर्य को देखते है। ध्यान दे – यदि सूर्य त्राटक को सही तरिके व सही समय पर नहीं किया गया या तो सूर्य की तेज रोशनी में मौजूद UV किरणे हमारी आँखों की पुतलियों को हानि पहुंचा सकती है। इसलिए हम यह त्राटक केवल सूर्य उदय के तुरंत 10-15 मिनट के अंदर व सूर्य अस्त से 10-15 मिनट पहले सूर्य की रोशनी कम होती है जिससे की हमारी आँखे को कई हानि न हो।ज्योति त्राटक साधना (Deepak Tratak Sadhana): इसमें हम जलते हुए दीपक व मोमबत्ती को 3-4 फिट दूरी पर रख कर उसकी लो पर ध्यान को एकाग्र करते है। बाकी की जानकारी आप निचे त्राटक करने का तरीका में पढ़ सकते है। ध्यान दे – यदि आप कर सके तो दीपक को जलाने के लिए तेल का इस्तेमाल न करे बल्कि शुद्ध घी का इस्तेमाल करे। क्योकि तेल के दिए में से काला धुआँ निकलता जो की हमारे स्वास्थय के लिए हानिकारक हो सकता है।मूर्ति त्राटक साधना (Picture Tratak Sadhana): यह किसी भी विशेष मूर्ति (तस्वीर) पर ध्यान केंद्रित करके किया जाता है, यह आपके विश्वास या धर्म से संबंधित कुछ तस्वीर हो सकती है। ध्यान दे – ऐसी तस्वीर का इस्तेमाल न करे जो की आपको पसंद न हो।
Note:- यदि त्राटक की शुरुआत कर रहे है तो आप बिंदु या फिर ज्योति त्राटक से कर सकते है।
त्राटक करने का तरीका:-
त्राटक करने के लिए हमे दृढ़ता से नियमित अभ्यास करना चाहिए। जानिए त्राटक कैसे करते है।ज्योति त्राटक के लिए किसी अँधेरे वाले स्थान पर करना चाहिए। प्रतिदिन लगभग एक निश्चित समय पर बीस मिनट तक करना चाहिए।जमीन पर चटाई बिछाए और अपने रीढ़ की हड्डी और गर्दन को सीधा करके सुखासन में बैठ जाएँ।अब अपनी आँखों से 3 फिट की दुरी पर मोमबत्ती को रख ले जो आँखों के बिलकुल समांतर हो।अब बिना पालक झपकाए इस मोमबत्ती पर टकटकी जमाये। शुरुआत में करना कठिन होगा पर समय के साथ साथ आप इस में सक्षम हो जायेंगे।शुरुआत में सिर्फ 15 या 20 सेकंड तक होगा पर निरंतर अभ्यास से इसे बढ़ाया जा सकता है।एक बार आपकी आँखे बंद हो जाए तब आँखों को 30-40 सेकेंड का आराम दे। फिर दोबारा से यही प्रक्रिया शुरू करे।यदि आपकी आँखों से पानी आता है तो आप आपने पास नरम व सूती कपडा रखे और आराम से आँखों को साफ़ करे।इसके अलावा आप किसी बिंदु पर ध्यान लगा सकते है।त्राटक में कुशल होने के बाद आप बाह्य त्राटक का अभ्यास कर सकते हैं।इसके आगे एकाग्र मन से व स्थिर आँखों से उस ज्योति को देखते रहें। जब तक आँखों में कोई अधिक कठिनाई नहीं हो तब तक पलक नहीं गिराएँ। यह क्रम प्रतिदिन जारी रखें। धीरे-धीरे आपको ज्योति का तेज बढ़ता हुआ दिखाई देगा।
ध्यान दे – त्राटक को शुरुआत में ज़बरदस्ती न करे इससे आपकी आँखों में दर्द हो सकता है।
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