फुटबॉल खेल का इतिहास...
फुटबॉल" उन विश्वप्रसिद्ध खेलों में से एक है जो कई देशों में बहुत ही जोशो-उत्साह के साथ खेला जाता है। ब्राज़ील स्पेन, फ्रांस, अर्जेंटीना आदि कई बड़े देशों के लोगों में फुटबॉल खेल के प्रति जूनून देखने को मिलता है। फुटबॉल एक टीम स्पोर्ट है, जो 11-11 खिलाड़ीयो वाले दो दलों के बीच एक आयताकार मैदान पर खेला जाने वाला खेल है, जिसमें दो टीम बहुत ही जोश के साथ एक दुसरे के विरुद्ध खेलते है। इसमें गोल कीपर, बैकी आदि रूप में एक दल के खिलाड़ी अपना फ़र्ज़ निभाते हैं। इस खेल का मुख्य उद्देश्य होता है जिसमे दोनों और से गोल पोस्ट में गेंद को पैरों के उपयोग से धकेलने का प्रयास किया जाता है। अपने विरोधी दल के खेमे में गोल दागना - ग्रिडिरॉन फुटबॉल, रग्बी फुटबॉल आदि खेल भी फुटबॉल के अंतर्गत ही आते हैं।
फुट्बाल खेल का इतिहास अति प्राचीन है। प्रमाणों के आधार पर इस खेल को सर्वप्रथम ईसा से 500 वर्ष पूर्व स्पार्टा में खेला गया। रोमवासी भी वर्तमान फुटबॉल से मिलता जुलता खेल खेलते थे, जिसे वे हापे॔स्टम (Harpastum) कहते थे। ‘फुटबॉल’ शब्द की उत्पत्ति कहाँ से हुई है, इसके पीछे कई लोगों की अलग अलग राय है। चूँकि इस खेल के दौरान गेंद को पैर से मारना होता है, इस वजह से इसका नाम फुटबॉल पड़ गया। हालाँकि इस नाम की उत्पत्ति का वास्तविक स्त्रोत का पता नहीं चल पाया है। फीफा के अनुसार फुटबॉल एक चीनी खेल सूजु का ही विकसित रूप है। यह खेल चीन में ह्याँ वंश के दौरान विकसित हुआ था। इसी खेल को जापान असुका वंश के शासन काल में केमरी के नाम से खेला जा रहा था। इसी अवधि में यह खेल मिस्र में 'हरपासटोन' के नाम से जाना जाता था। इसके बाद यह खेल इंग्लैण्ड और उसके पड़ोसी देशो में लोकप्रिय होता चला गया। इंग्लैण्ड में फुटबॉल का प्रचलन इस वेग से बढ़ा की 1365 ई. में एडवर्ड तृतीय ने सेना के लोगों के लिए खेलना निषिध्द कर दिया, क्योंकि सैनिक धनुष चलाने की कला को सीखने के समय को इस खेल में लगा देते थे। एलिजाबेथ प्रथम ने फुटबॉल से यह प्रतिबन्ध हटाया और यह खेल इंग्लैण्ड में व्यापक स्तर से विकसित हुआ। आधुनिक फुटबॉल का जन्मदाता इंग्लैण्ड ही है।
फुटबॉल खेल का विकास एक लम्बे अरसे तक हुआ है. कालांतर में 1586 ई. में ये जॉन डेविस नाम के एक समुद्री जहाज के कप्तान के कार्यकर्ताओं द्वारा ग्रीन लैंड में खेला गया। फुटबॉल के विकास के सफरनामे को रोबर्ट ब्रौज स्मिथ ने सन 1878 में एक किताब की शक्ल में पेश किया। पंद्रहवीं सदी के आस पास फूटबाल नाम का ही एक खेल स्कॉट लैंड में खेला जाता था। 1424 ई में इसे वहाँ पर फुटबॉल एक्ट के तहत बैन कर दिया गया। हालाँकि ये बैन जल्द ही हटा लिया गया, लेकिन तब तक लोगों में इस खेल की रूचि ख़त्म हो गयी थी और एक लम्बे अरसे के बाद उन्नीसवीं शताब्दी में इसका पुनर्जन्म देखने मिलता है।
1857 ई. में फुटबॉल का पहला क्लब 'शेफील्ड फुटबॉल' के नाम से इंग्लैण्ड में बना। सन् 1871 ई. में इंग्लैण्ड के 17 क्लबो के खिलाड़ीयो ने 'रगबी फुटबॉल यूनियन' का गठन किया गया। 1863 में स्थापित 'फुटबॉल एसोसिएसन' (एफ.ए.) की सहायता से नियमों का मानकीकरण हुआ। ग्यारह खिलाड़ियों की वर्तमान अवधारणा भी एफ.ए. द्वारा विकसित की गई। 1874 में 'गोलकिक' एव 'कार्नरकिक' बने, लाईन मैन एव रैफरी का वर्तमान स्वरूप 1891 में शुरू हुआ।
फुटबॉल को 1908 में ओलम्पिक खेलों में लंदन से शामिल किया गया। वर्तमान में सभी अंतर्राष्ट्रीय फुटबॉल मैच का आयोजन कराने वाली संस्था फीफा (FIFA) 'फेडरेशन इंटरनेशनल दी फुटबॉल एसोसिएशन' की स्थापना 21 मई, 1904 को पेरिस में हुई थीं।
वर्तमान में फीफा के अध्य्क्ष जियानी इनफेनटिनो है।
भारत में फुटबॉल का इतिहास:-
भारत में फुटबॉल 19वीं शताब्दी के बीच में क्रिकेट के साथ ब्रिटिश ही लाए थे। इसे यहां ब्रिटिश सैनिकों के मनोरंजन के लिए शुरू किया गया था। भारत में फुटबॉल खेल आधिकारिक तोर पर 1882 ई. के लगभग बंगाल में प्रारम्भ हुआ। धीरे-धीरे लोगों ने स्कूल के मैदान में फुटबॉल खेलना शुरू किया। कलकत्ता क्लब, डलहौज़ी कलकत्ता टाउन क्लब आदि खेल संगठनो ने मिलकर 'इंडियन फुटबॉल एसोसिएशन' (IFA) की स्थापना की। इस संस्था ने काफी समय तक देश में फुटबॉल खेल का आयोजन एवं विकास किया। 1937 ई. 'अखिल भारतीय फुटबॉल फेडरेशन' की स्थापना हुई, जो आजकल भारत का प्रमुख आधिकारिक संगठन है। कलकत्ता में फुटबॉल खेल प्रारम्भ होने के बावजूद देश की सबसे पुरानी फुटबॉल प्रतियोगिता दिल्ली में होती है। 1888 ई. में प्रारम्भ शिमला में भारत के तत्कालीन विदेश सचिव मॉर्टिमर डूरंड ने डूरंड कप शुरू किया। डूरंड कप एफए कप (फुटबॉल एसोशियन चैलेंज कप) और स्कॉटिश कप के बाद तीसरा सबसे पुराना फुटबॉल टूर्नामेंट है। भारत' में डूरण्ड फुटबॉल टूर्नामेन्ट को भारत की सबसे पुरानी फुटबॉल प्रतियोगिता माना जाता है।
1951 ई. में भारत ने एशियाई खेलो में भाग लिया तथा फुटबॉल का स्वर्ण पदक जीता। भारत ने 1948 तथ 1956 के ओलम्पिक खेलों में भी भाग लिया तथा 1956 के ओलम्पिक में भारत semifinal में पहुँचा। यह प्राप्ति फुटबॉल के क्षेत्र में भारत की सबसे सर्वोत्तम मानी जाती है। विश्व कप फुटबॉल में भारत की भागीदारी केवल तीन अवसरों तक सीमित रही। 1966 के एशियन गेम्स में टीम पहले ही राउंड में बाहर हो गई। 70 के दशक के बीच में उन्होंने ईरान के साथ संयुक्त रुप से यूथ एशियन कप जीता, लेकिन इसके बाद 80 और 90 के दशक में और ज्यादा गिरावट आ गई। 1993 में लाहौर में फुटबॉल टीम ने सार्क कप जीता और दो साल बाद कोलंबो में रनर-अप रही। एआईएफएफ ने 1996 में नेशनल डोमेस्टिक लीग शुरू की, जो भारत की पहली लीग थी। 2007 में इंडिया टीम ने सीरिया को हराकर पहली बार नेहरू कप जीता। 2008 में एएफसी चैलेंज कप जीता और 2011 में कतर में होने वाले एएफसी एशिया कप के लिए क्वालीफाई किया।
2009 में फिर से भारत ने नेहरू कप जीता और इस बार भी उसने सीरिया को हराया। 2011 में 27 सालों में भारत ने एएफसी एशिया कप में भाग लिया। लेकिन इस टूर्नामेंट में हार का सामना करना पड़ा। 2011 के एएफसी एशिया कप के बाद फुटबॉल फेडरेशन ने इस खेल की ओर ज्यादा ध्यान देना शुरू किया है। फीफा के अंडर-17 वर्ल्ड कप के बाद उम्मीद है कि भारत में फुटबॉल की तरफ लोगों का रुझान बढ़ेगा। भारत के लोग इस खेल में धीरे-धीरे रुचि बढ़ रही है।
अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति अर्जित करने वाले कुछ भारतीय खिलाड़ियों में वाइचुंग भूटिया, पी. बनर्जी, चुन्नी गोस्वामी और आई. एम. विजयन के नाम शामिल है।
आधुनिक युग में फुटबॉल का एक अन्य नाम सॉकर भी प्रचलित है।
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