सर्वांगासन योग करने का तरीका, फायदे और सावधानियां...
इस आसान को करने से पहले हमेशा योग के सूक्ष्म व्यायाम कर लेना चाहिए। क्योंकि सर्वांगासन एक जटिल आसन हैं। ओर हमारी बॉडी मे किसी भी प्रकार की अकड़न नहीं होनी चाहिए।
सर्वांगासन करने की विधि:-
सर्वप्रथम सूक्ष्म योग व्यायाम करने के बाद एक साफ़, हवादार खुली जगह मे योगा-मेट या दरी मे शवासन की पोजीशन मे पीठ के बल ठीक से सीधे लेट जाइए। दोनों पैरों को धीऱे-धीऱे एक साथ मिलाए और ऊपर की और उठाकर 90 अंश तक ले जाइए, इसको कुछ देर के लिए कायम रखें। हाथो को जमीन पर टिकाकर टांगों को सिर की तरफ ले जाइए और साथ-साथ नितम्ब को भी उठाइए। इसको संतुलित रखिए और नितम्ब को हाथों को नितम्ब पर ले जाइए ताकि उन्हें सहारा मिले। धीरे-धीरे नितम्ब को हाथों से दबाइए ताकि पैर ऊपर की ओर हो और पीठ तथा कंधे एक रेखा में हों। हाथों का सहारा लगातार पीठ पर लगा रहना चाहिए। अन्तत: ठोढ़ी को छाती से लगा होना चाहिए। विपरीत क्रम से धीरे-धीरे पूर्वावस्था में वापस आइए।
विधि और निषेध:-
सर्वांगासन योग करने के लाभ:-
सिर की ओर रक्त परिवहन पर्याप्त रूप से होता है। जिससे बालों की जड़ो का अच्छा पोषण होता हैं। ओर हमारे सर के बाल मजबूत ओर काले होते हैं। जिससे बालों के झड़ने की समस्या कम हो जाती हैं।
सर्वांगासन स्नायु तंत्र को मजबूत बनाता है जिससे सर्दी, जुकाम, ख़ासी ओर सिरदर्द से राहत मिलती हैं।
इस आसन से थायराइड और पौरा-थायराइड की समस्याओं से छुटकारा मिलता है जिससे इस अंग में रक्त परिभ्र्मण में वृद्धि होती है, परिणामत: ये ग्रंथियां सामान्य रूप से काम करने लगती है और शरीर के अन्य महत्वपूर्ण अंगो के कार्यो को सुचारु बना देती है और शरीर की चयापचयी प्रक्रिया को स्थिर/नियमित कर देती है।
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