शीर्षासन करने का तरीका, फायदे, नुकसान और सावधानियां...
शीर्षासन एक अत्यंत शक्तिशाली आसन है, शीर्षासन के नियमित अभ्यास से शरीर को अनगिनत लाभ होते हैं। यह आसन आपके शरीर के हर हिस्से को प्रभावित करता है। यह आपकी गर्दन की मांसपेशियों को मजबूत करता है और सिर मे रक्त परिसंचरण में सुधार करता है, जिसके परिणामस्वरूप कई अन्य लाभ होते हैं।
शीर्षासन या हेडस्टैंड योग मुद्रा में, शरीर उलटा रहता है और शरीर के वजन को अग्र भुजाओं पर संतुलित किया जाता है, जबकि सिर आराम से जमीन पर होता है। शीर्षासन अंगों पर लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल के दबाव को उल्टा कर देता है जो आपके स्वास्थ्य के कई पहलुओं में फायदेमंद है, लेकिन आपको इसे सुरक्षित और सावधानी से अभ्यास करना चाहिए। शीर्षासन शुरूआती लोगों को कठिन लग सकता है, शुरुआत में इस का अभ्यास एक कोने में शुरू करना बेहतर है ताकि नीचे गिरने के डर के बिना अभ्यास कर सकें। प्रतिदिन 5 से 10 मिनट शीर्षासन का अभ्यास मस्तिष्क, कानों, आंखों और गर्दन क्षेत्र के लिए लाभदायक होता है।
शीर्षासन क्या है?
सिर के बल किए जाने की वजह से इसे शीर्षासन या सलम्बा शीर्षासन भी कहा जाता है, इसका नाम संस्कृत भाषा के शब्दो से लिए गये है, "सलम्बा" का अर्थ है "संतुलित करना", "सहारा देना"; "शीर्ष" जिसका अर्थ है "सिर" और आसन का अर्थ है "मुद्रा"। पूरे शरीर का वजन सिर पर संतुलित होता है, इसलिए इसे शीर्षासन (Headstand pose) कहा जाता है
शीर्षासन करने की विधि:
शीर्षासन में सावधानियां:
शीर्षासन करने से लाभ:
5 लाभ योग वीडियो:
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