टेबल टेनिस का इतिहास...
टेबल टेनिस (Table Tennis) को पिंग पोंग (Ping Pong) भी कहा जाता है, यह बहुत पुराना खेल है शायद जापानी मूल। टेबल टेनिस सबसे सरल इनडोर खेल है, पहले तो इस खेल को “व्हिफ़-व्हाफ” कहा जाता था। टेबल टेनिस की शुरुआत इंग्लैंड में हुई। धीरे-धीरे बीसवीं शताब्दी के आरंम्भ तक यह खेल कई देशों में लोकप्रिय हो गया था। सन् 1905 से सन् 1910 के बीच यह खेल मध्य यूरोप में भी काफी लोकप्रिय हो गया। कहा जाता है कि इससे पूर्व यह जापान में खेला जाने लगा था तथा वहीं से यह खेल चीन और कोरिया में पहुंचा।
1922 में इंग्लैंड में टेबल टेनिस ऐसोसिएशन बना तथा प्रथम विश्वप्रतियोगिता लंदन में हुई। यह खेल अत्यंत लोकप्रिय हो चुका है, और अब संसार के 71 देशों में खेला जाता है। टेबल टेनिस का भारत में एक लंबा और समृद्ध इतिहास रहा है। 1880 के दशक में ब्रिटिश सेना और नागरिक अधिकारियों द्वारा खेल को भारत में लाया गया। उस समय से इसे भारतीयों में अपार लोकप्रियता मिली। 19 वीं शताब्दी के उत्तरार्ध के दौरान कई टेनिस टूर्नामेंट आयोजित किए गए और कुछ प्रमुख टूर्नामेंट 1885 में लाहौर में लॉन टेनिस चैम्पियनशिप थे, 1887 में कोलकाता में लॉन टेनिस चैम्पियनशिप आयोजित किए गए। भारत में टेबल टेनिस लोकप्रिय होने का कारण इनडोर मनोरंजन खेल है। इसने पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु जैसे राज्यों में लोगों पसंद किया। टेबल टेनिस फेडरेशन ऑफ इंडिया (TTFI) टेबल टेनिस का आधिकारिक खेल निकाय है।
टेबल टेनिस के बारे में:
टेबल टेनिस की लोकप्रियता दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इसने निर्माताओं को नकदी, और टेबल, बॉल और रैकेट जैसे विशिष्ट पैराफर्नेलिया का उत्पादन करने का कारण बनाया। रैकेट में लकड़ी के फ्रेम में फैला हुआ मोटा चर्मपत्र होता है। गेंद से टकराने पर इन शुरुआती रैकेटों द्वारा की गई आवाज ने इसके नाम को सूचित किया –`पिंग पोंग`– और इस प्रकार, आधुनिक टेबल टेनिस का जन्म हुआ।
भारत में टेबल टेनिस खेल को बढ़ावा देने के लिए, पूरे यूरोप और भारत में हजारों खिलाड़ी थे, एक संगठन बनाने की आवश्यकता थी जो उन खिलाड़ियों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्पेक्ट्रम में मंच देगा। इस प्रकार, 1926 में, अंतर्राष्ट्रीय टेबल टेनिस महासंघ (ITTF) का गठन किया गया। उसी वर्ष, लंदन में पहली विश्व चैम्पियनशिप आयोजित की गई, इसे पेशेवर टेबल टेनिस को जन्म दिया गया। 1937 में, ऑल इंडिया टेबल टेनिस एसोसिएशन से मान्यता के साथ भारत में टेबल टेनिस फेडरेशन कोलकाता में स्थापित हुआ। वर्ष 1952 में, टेबल टेनिस की विश्व चैंपियनशिप मुंबई में आयोजित की गई थी जो एशिया में पहली बार हुई।
खेल के नियम:
टेबल टेनिस एक समय में २ (एकल) या ४ (युगल) खिलाड़ियों के मध्य खेला जाता है। प्रत्येक खिलाड़ी एक बल्ला (बैट) लेता है तथा एक गेंद आवश्यक है। टेबल टेनिस बहुत तेज खेल है, जिसके लिए प्रतिबिंब और एकाग्रता क्षमता की आवश्यकता होती है। खेल का क्षेत्र एक लकड़ी की सतह का टेबल होता है। पैरों में रबर के जूते तथा रंगीन कपड़े उपयोग करते है।
टेबल टेनिस बोर्ड या टेबल पर खेला जाता है तीन मीटर से भी कम लंबा। टेबल की लंबाई 9 फुट, चौड़ाई 5 फुट, सतह की मोटाई 1 इंच तथा भूमि से ऊँचाई 2.5 फुट होती है। लकड़ी के अतरिक्त स्लेट, काँच, प्लास्टिक की सतह के टेबल भी उपयोग किये जाते हैं। टेबल की सतह पर 12 फुट ऊपर से सीधी गिराई गई गेंद को टिप्पा लेकर 8 से 9 फुट के बीच तक उछलना चाहिए। टेबल के ऊपर प्रकाश का उचित प्रबंध रहता है जिसे रात्रि में भी खेल हो सके। टेबल के चारों ओर 3/4 इंच मोटी सफेद रेखा और लंबाई में बीच से 1/8 इंच चौड़ी रेखा (केवल युगल खेल के लिए) बनी रहती है। टेबल के बीच चौड़ाई में आर पार, 6 इंच ऊँचा जाल रहता है, जो टेबल की चौड़ाई के बाहर दोनों ओर छह इंच तक बाहर निकला रहता है।
टेबल, जाल, गेंद | |||||||||
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मेज़ का आकार | आयताकार | ||||||||
लंबाई | 274 सैंटीमीटर | ||||||||
चौड़ाई | 152.5 सैंटीमीटर | ||||||||
फर्श से ऊँचाई | 76 | ||||||||
जाल की लम्बाई | 183सैंटीमीटर | ||||||||
खेलने वाले तल से जाल की ऊँचाई | 15.25सैंटीमीटर | ||||||||
गेंद की परिधि | 37.2 मिलीमीटर से 38.2 मिलीमीटर | ||||||||
गेंद का वज़न | 2.40 ग्राम से 2.53 ग्राम तक | ||||||||
गेंद जिस चीज़ का बना हो | सैल्यूलाइड या सफेद प्लास्टिक का |
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