पादहस्तासन योग करने का सही तरीका, फायदे और सावधानियां...
पादहस्तासन क्या है?
पादहस्तासन एक योग आसन है। पादहस्तासन संस्कृत भाषा का शब्द है। इसका शाब्दिक अर्थ होता है, पैरों को हाथों से छूने वाला आसन। पादहस्तासन योग का अंग्रेजी नाम गोरिल्ला पोज (Gorilla pose) और हैण्ड अंडर फीट पोज (hand under foot pose) होता है। इस आसन के अभ्यास के दौरान सिर आपके दिल के नीचे होता है। इस वजह से रक्त का प्रवाह पैरों में होने की बजाय सिर की तरफ होने लगता है। इससे दिमाग में रक्त और ऑक्सीजन की अच्छी-खासी मात्रा पहुंचने लगती है। पादहस्तासन योग हमारे शरीर के लिए अनेक प्रकार से लाभदायक है।
पादहस्तासन करने से पहले यह आसन करें:–
- सूक्ष्म व्यायाम करें।
- सूर्यनमस्कार २ से ४ बार।
- पश्चिमोत्तानासन।
पादहस्तासन योग करने का तरीका:–
पादहस्तासन योग करने के लिए आप फर्श पर योगा मैट को बिछा कर उस पर सीधे खड़े हो जाएं। पैरों को साथ-साथ मिलाइए और जमींन पर पैरों के आगे टिकाइए अथवा पैरों के दोनों ओर रखिए। हाथों की उंगलियाँ आगे की और हो। माथे को घुटनेां के बीच रखिए।
विधि और निषेध –
- यदि हृदय रोग से पीड़ित हो, अमलीयता की शिकायत हो तो इस आसन को न करें।
पादहस्तासन के फायदे:–
- यह आसन अपच की शिकायत में लाभकारी है।
- सुषुम्ना और नितम्ब जोड़ों की मजबूती के लिए हितकर है।
- दिमाग को शांत करता है और एंग्जाइटी से राहत देता है।
- सिरदर्द और इंसोम्निया की समस्या होने पर आराम देता है।
- किडनी और लिवर को सक्रिय करता है।
- यह आसन जांघों और घुटनों को भी मजबूत बनाता है।
पादहस्तासन करने के बाद आसन:-
- त्रिकोणासन।
- योग निद्रा।
- प्रसारित पादोत्तानासन।
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