योग सुप्त वज्रासन कैसे करें, लाभ और उपाय...
सुप्त-वज्रासन क्यों है?
सुप्त-वज्रासन सबसे लाभदायक योग अभ्यास में से एक है। सुप्त शब्द का मतलब सोया हुआ। इसमें आप वज्रासन में बैठते हुए पीछे की ओर लेट कर इस योगाभ्यास को करते हैं जिसके कारण इसको सुप्त वज्रासन कहा गया है। इस आसन को वज्रासन का ही विस्तारित स्वरुप माना जाता है। इसका अभ्यास आगे की ओर झुकने वाले आसनों के बाद करना स्वास्थ के लिए लाभदायी होता है। इस आसन को सही तरीके से किया जाए तो इसके बहुत सारे फायदे हैं। जैसे कमर दर्द, कब्ज, सांस रोग, रक्त संचार, पेट की चर्बी, पतली कमर इत्यादि के लिए बहुत लाभदायक योगाभ्यास है।
सुप्त-वज्रासन करने की विधि:
विधि और निषेध:
सुप्त-वज्रासन होने वाले लाभ:
- यह आसन दमा और अन्य श्वास रोगों में बहुत ही लाभदायक है।
- गले के हिस्से में आगे की और अधिक खिंचाव होने से छाती की मांसपेशियां मजबूत होती है तथा स्वस्थ और लचीली हो जाती है।
- नितम्बों की अच्छी कसरत हो जाती है और कमर की समस्याएं भी दूर हो जाती है।
- शरीर के अगले भाग में काफी खिचाव आ जाता है, विशेष रूप से रेखीय मांसपेशियों और पेट की दीवारों पर।
- इसका प्रभाव आंतों पर सकारात्मक रूप से पड़ता है।
- पेट की वसा को कम करता है। कमर पतली हो जाती है।
- पेट के हर तंत्र को मजबूत बनाकर इसमें सुधार लाता है।
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