कपालभाति प्राणायाम को कैसे किया जाता है, इसके क्या लाभ हैं, जानिए...
कपालभाति को प्राणायाम का एक हिस्सा माना गया है। संस्कृत में कपाल का अर्थ होता है माथा या ललाट और भाति का अर्थ है तेज। इस प्राणायाम का नियमित अभ्यास करने से मुख पर आंतरिक प्रभा (चमक) से उत्पन्न तेज रहता है। कपाल भाति बहुत ऊर्जावान उच्च उदर श्वास व्यायाम है।
कपालभाति करने से शरीर के सभी अंग सही प्रकार से कार्य करने में सक्षम होते हैं और खून को शुद्ध करने में भी मदद मिलती है। कपाल अर्थात मस्तिष्क और भाति यानी स्वच्छता। अर्थात 'कपाल भाति' वह प्राणायाम है जिससे मस्तिष्क स्वच्छ होता है और इस स्थिति में मस्तिष्क की कार्यप्रणाली सुचारु रूप से संचालित होती है। वैसे इस प्राणायाम के अन्य लाभ भी है। लीवर किडनी गैस आदि के लिए बहुत लाभकारी है।
शारीरिक स्थिति : कोई भी आरामदायक स्थिति अथवा ध्यानात्मक आसन जैसे सुखासन /पदमासन / वज्रासन आदि
कपालभाति प्राणायाम करने की अभ्यास विधि:-
श्वसन क्रिया:-
कपालभाति प्राणायाम में सावधानियां:-
कपालभाति प्राणायाम से लाभ:-
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Its very usefull pranayama
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