सामान्य योग अभ्यास...
सामान्य योग अभ्यास (General Yoga Practice) — दिशानिर्देश और लाभ
सामान्य योग अभ्यास के दौरान कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं का ध्यान रखना आवश्यक है। यह न केवल शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है, बल्कि मानसिक शांति और एकाग्रता को भी बढ़ाता है।
ध्यान देने योग्य बातें:
- योग अभ्यास हमेशा खाली पेट या हल्का भोजन करने के बाद करें।
- शांत और स्वच्छ वातावरण में अभ्यास करना श्रेष्ठ माना जाता है।
- धीरे-धीरे और सहज गति से अभ्यास करें, जल्दबाज़ी न करें।
- शरीर की क्षमता के अनुसार ही आसन करें।
स्कंध संचालन का अभ्यास:
स्कंध संचालन (Shoulder Rotation) शरीर का एक सूक्ष्म व्यायाम है। यह रक्त परिसंचरण (Blood Circulation) को बेहतर बनाता है और कंधों की जकड़न को दूर करता है। इस अभ्यास को खड़े होकर या बैठकर किया जा सकता है।
योग से होने वाले लाभ:
- तनाव और चिंता में कमी।
- रक्त प्रवाह और श्वसन तंत्र में सुधार।
- लचीलापन और शक्ति में वृद्धि।
- मानसिक एकाग्रता और शांति प्राप्ति।
स्कंध संचालन (Shoulder Exercise):
शारीरिक स्थिति: समस्थिति (सजग स्थिति)
स्कंध संचालन अभ्यास करने की विधि:
प्रथम चरण: स्कंध खिंचाव
- पैरों को एक साथ मिलाकर शरीर को सीधा रखें और बाहों को शरीर के साथ लगाकर खड़े हों।
- श्वास अंदर लेते हुए बगल से दोनों भुजाओं को सिर के ऊपर तक उठाएँ, हथेलियाँ ऊपर की ओर रहें।
- श्वास छोड़ते हुए भुजाओं को धीरे-धीरे वापस नीचे लाएँ।
- दोनों हथेलियों को पूरी तरह खोलें और उंगलियों को आपस में मिलाएँ।
द्वितीय चरण: स्कंध चक्र (स्कंध चालन)
- सर्वप्रथम सीधे खड़े हो जाएं।
- बायें हाथ की उंगलियों को बायें कंधे पर रखें और दायें हाथ की उंगलियों को दायें कंधे पर रखें।
- दोनों कोहनियों को पूर्ण चक्राकार घुमाएँ।
- श्वास अंदर लेते हुए कोहनियों को ऊपर की ओर ले जाएँ, श्वास छोड़ते हुए नीचे लाएँ।
- कोशिश करें कि कोहनियाँ वक्ष स्थल के सामने स्पर्श करें।
- पीछे की ओर कोहनियों को खींचकर घुमाएँ और वापस लाते हुए भुजाएँ शरीर से स्पर्श करें।
- पहले आगे से पीछे की ओर (घड़ी की सुई की दिशा में) इस क्रिया को दो बार दोहराएँ।
- फिर पीछे से आगे की ओर (घड़ी की सुई की विपरीत दिशा में) दो बार दोहराएँ।
- हर बार श्वास भरते हुए कोहनियों को ऊपर ले जाएँ तथा श्वास छोड़ते हुए नीचे लाएँ।
ध्यान दें!
- इस यौगिक क्रिया के अभ्यास से हड्डियां, मांसपेशियां, गर्दन और स्कंध की तंत्रिकाएं स्वस्थ रहती हैं।
- यह योगाभ्यास गर्दन की रीढ़ की हड्डी की अपकर्षक बीमारी (सर्वाइकल स्पान्डिलोसिस) को दूर करने में सहायक है।
- स्कंध संचालन में आने वाली रुकावटों से छुटकारा दिलाने में लाभकारी है।
स्कंध संचालन के बाद अगली क्रिया है−कटि चालान
दैनिक जीवन में योग आसन के स्वास्थ्य लाभ:
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