अष्टवक्रासन करने की सरल विधि....
एक ऐसा आसन जो वास्तव में आपकी कलाई और भुजाओं को मजबूत करने में मदद करता है, वह है "अष्टावक्रसन" या आठ कोण मुद्रा। "अष्टवक्रासन " का अभ्यास शरीर के आठ अंगों को प्रभावित करता है। अष्टावक्रसन एक संस्कृत शब्द है, अष्ट का अर्थ है आठ और वक्रा का अर्थ है तुला। यानी आठ जगह से टेढ़ी शरीर रचना होता है। यह योग में सबसे उन्नत हाथ संतुलन मुद्रा में से एक है। जहाँ लेकिन इसका नाम महान हिंदू ऋषि नाम अष्टावक्र से लिया गया है।
यह आसन शारीरिक तथा मानसिक दोनों रूप से व्यक्ति को स्वतंत्रता का अनुभव कराता है। इस मुद्रा को ज्यादातर उन चिकित्सकों के लिए अनुशंसित की जाती है जिन्होंने योग में उच्चतम स्तर हासिल किया है और इसे योग के सबसे उन्नत रूप में से एक माना जाता है। इस आसन का अभ्यास करते समय शरीर आठ जगह से मोड़ा जाता है, इसीकारण इस आसन को अष्टवक्रासन के नाम से जाना जाता है।
अष्टवक्रासन योग कैसे करें:
अष्टवक्रासन के अभ्यास के दौरन सावधानियां:
अष्टवक्रासन योग के स्वास्थ्य लाभ:
शुरुवात के लिए टिप्स:-
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